Said hindi sayri 1) दर्द खरीदकर मुझे अपना सुखन बेचना है मुज्जैसे कल्ब(दिल) तो मैंने बाजारों मै बिकते देखे है कोई मिलजाए खरीदार तो उसे अपनामोहब्बत भरा दिल बेचना है खुतबा(भाषण) दे देकर बुलाया जाता लोगों को खस्ता(घायल)हो या खुस्क(सुखा) हो कीमत सबकी लगाई जाती है मुझे खुद अब वहा नीलाम होकर अपना जमाल (सुंदरता) बेचना है। 2) तु तो एक धुवा था हम ही तुझे हमसफ़र समझ बैठे तेरा ईश्क तो एक जुवा था जिसे खेलकर हम मुफ्लिश हुवे बैठे। 3) पुछा मैंने लहज़ा तेरा क्यों बदला सा लगता है दिलने मुजको दस्तक दी तेरा ईश्क तक्सीम किया है उसने फ़िर से गैरो मै। 4) कोन आया है यहां उम्र बिताने की खातिर ग़ालिब ज़िन्दगी अब कट रही है मेरे हाथो से रेत फिसल रही है मेरी उम्र अब ढल रही है। 5) तेरा ईश्क मुजपर एक कर्ज हो गया जिसे किस्तों मै मै चुका भी ना पाया हो सके तो माफ़ करना मै तुम्हे अपना बना ना पाया। COPYRIGHT NOTICE © Mansuri Riyaz @my writing words Any unauthorized use and/or duplication of the material on this blog without express and
Said hindi sayri 1) दर्द खरीदकर मुझे अपना सुखन बेचना है मुज्जैसे कल्ब(दिल) तो मैंने बाजारों मै बिकते देखे है कोई मिलजाए खरीदार तो उसे अपनामोहब्बत भरा दिल बेचना है खुतबा(भाषण) दे देकर बुलाया जाता लोगों को खस्ता(घायल)हो या खुस्क(सुखा) हो कीमत सबकी लगाई जाती है मुझे खुद अब वहा नीलाम होकर अपना जमाल (सुंदरता) बेचना है। 2) तु तो एक धुवा था हम ही तुझे हमसफ़र समझ बैठे तेरा ईश्क तो एक जुवा था जिसे खेलकर हम मुफ्लिश हुवे बैठे। 3) पुछा मैंने लहज़ा तेरा क्यों बदला सा लगता है दिलने मुजको दस्तक दी तेरा ईश्क तक्सीम किया है उसने फ़िर से गैरो मै। 4) कोन आया है यहां उम्र बिताने की खातिर ग़ालिब ज़िन्दगी अब कट रही है मेरे हाथो से रेत फिसल रही है मेरी उम्र अब ढल रही है। 5) तेरा ईश्क मुजपर एक कर्ज हो गया जिसे किस्तों मै मै चुका भी ना पाया हो सके तो माफ़ करना मै तुम्हे अपना बना ना पाया। COPYRIGHT NOTICE © Mansuri Riyaz @my writing words Any unauthorized use and/or duplication of the material on this blog without express and